Dharmik

Osho Stories | ओशो स्टोरीज

सत्य की वीणा
शायद कल हो
किसकी प्रतीक्षा कर रहे हो
सुख ऐसे ही हैं।उम्र के साथ बदल जाते हैं
निन्यानबे का फेर
कोल्हू का बैल
तुम सोए हो, गहन निद्रा में
मरघट
धैर्य
पारखी भी है या नहीं?
चालबाज तो ऐसे हैं
सिर्फ एक भूल हो गई
जितनी जल्दी बदल जाओ उतना अच्छा।
काम बंद हो तो वह दिखाई पड़े
शिकायत
बाहर की दुनिया
कुएं का मेंढक
कौन गवाही है?
लॉफिंग सेंट्स।
परमात्मा कहां है?
मौत के क्षण
मृत्यु का दर्शन
मैं निपट अज्ञानी हूं
क्योंकि अहंकार ही शत्रु है
फासले
खोपड़ी में परमात्मा
संसार तुम पर निर्भर है
छाया
विश्वास
अहंकार के दीए