सरदार जी पहली बार अपने लड़के मोंटी को स्कूटर पर घुमाने निकले .
रास्ते मैं अंगूर दिखा .
मोंटी चिल्लाया – पापा पापा !! अंगूर खाना हैं !
सरदार जी – हुह ! हमारे पंजाब में तो बड्डे बड्डे अंगूर मिलते हैं ! ये तो अंगूरी हैं अंगूरी !
और आगे बढ़ गए .
रास्ते मैं सेब दिखा .
मोंटी चिल्लाया – पापा पापा !! सेब खाना हैं !
सरदार जी – हुह ! हमारे पंजाब में तो बड्डे बड्डे सेब मिलते हैं ! ये तो सेबी हैं सेबी !
और आगे बढ़ गए .
रास्ते मैं केला दिखा .
मोंटी चिल्लाया – पापा पापा !! केला खाना हैं !
सरदार जी – हुह ! हमारे पंजाब में तो बड्डे बड्डे केला मिलते हैं ! ये तो केली हैं केली !
और आगे बढ़ गए .
रास्ते मैं समोसा दिखा .
मोंटी चिल्लाया – पापा पापा !! समोसा खाना हैं !
सरदार जी – हुह ! हमारे पंजाब में तो बड्डे बड्डे समोसा मिलते हैं ! ये तो समोसी हैं समोसी !
करते करते वो मोंटी तो लेकर वापस आ गए और कुछ भी नहीं लिया .
मोंटी का गुस्सा सातवे आसमान पर था .
माँ ने पूछा – पापा के साथ घुमने मैं मज़ा आया मोंटी ??
मोंटी ने कहा – हुह ! हमारे पंजाब में तो बड्डे बड्डे पापा मिलते हैं ! ये तो पापी हैं पापी !!!