एक सरकारी स्कूल का इंस्पेक्शन करने शिक्षा अधिकारी आये हुए थे .
एक क्लास में गए और ब्लाक्बोर्ड पर लिखा “NATURE” (इसे नेचर पढ़ते हैं ) और बच्चो से पूछा – बच्चो क्या तुम लोग इससे पढ़ सकते हो !
सारे के सारे बच्चो नो हाँथ खड़ा कर दिया – सर मैं ! सर मैं ! – कह के उठने लगे .
शिक्षा अधिकारी को बहुत अच्छा लगा – वो बहुत इम्प्रेस हुए . एक बच्चे से पुछा, लड़के ने बोला – सर ये हैं नटूरे !
शिक्षा अधिकारी भौचक्के हो गए और दुसरे लड़के से पूछा , फिर तीसरे , चौथे … सबने कहा – नटूरे !
शिक्षा अधिकारी गुस्सा के आग बबूला हो गए – मास्टर साहब ये क्या उल्टा सीधा पढ़ा रखा है !! ये सब नेचर को नटूरे बोल रहे हैं !!
मास्टर साहब – अरे जनाब ! बच्चे है – मटूरे नहीं हुए हैं , जब मटूरे हो जायेंगे तब सीख जायेंगे !
(मास्टर साहब MATURE मेच्योर को मटूरे कह रहे थे )
शिक्षा अधिकारी गुस्से से वहा से निकले और सीधे पहुच गए प्रिंसिपल साहब के ऑफिस में .
“प्रिंसिपल साहब ! क्या पढाई हो रही है? बच्चे नेचर को नटूरे पढ़ते हैं और मास्टर साहब मेच्योर को मटूरे कह रहे हैं ”
प्रिंसिपल साहब – “अरे जाने दे जनाब ! आपको क्यू परेशान होते हैं .. आप आराम से रेस्ट हाउस में जाए ! ये सब अपना फटुरे बिगाड़ रहे हैं – हमरा फटुरे नहीं !! “
(प्रिंसिपल साहब FUTURE फ्यूचर को फटुरे कह रहे थे )
शिक्षा अधिकारी जोर से चिल्लाये – “अगर ऊपर वालों का प्रेस्युरे नहीं होता तो मैं इस स्कूल को बंद करा देता ”
(शिक्षा अधिकारी PRESSURE प्रेशर को प्रेस्युरे कह रहे थे )