दो भूविज्ञानिक दूर जंगल में सैंपल इकठ्ठा करने गए . दिन भर में दोनों ने छे बड़े पत्थर इकठ्ठा किये .
शाम को उनको जंगल से ले जाने हेलीकाप्टर आया . भूविज्ञानिक अपने पत्थर हेलीकाप्टर पर चढाने लगे .
हेलीकाप्टर के पायलट ने जब देखा की छे बड़े पत्थर है तो उसने उनको टोककर कहा – इतने सारे पत्थर .. इनका वज़न हेलीकाप्टर नहीं उठा सकता .. आप लोग इनमे से सिर्फ चार पत्थर ले जा सकते है .. दो यही छोड़ दो ..
भूविज्ञानिक – अरे इतना मेहनत करके जुटाए है … पिछले साल भी हमने इतने वज़न के पत्थर जुटा के हेलीकाप्टर पर चढ़ाया था ..
इस तरह ही दोनों बहस करते रहे . हेलीकाप्टर के पायलट ने सोचा चलो पिछले साल जब ले गए थे तो ठीक है . वो सारे छे के छे पत्थर ले जाने को रेडी हो गया .
जब हेलीकाप्टर उड़ा तो कुछ देर बाद नीचे आने लगा .. वज़न के कारण हेलीकाप्टर को पायलट ने जंगल में क्रेश लैंड करा दिया .. कुछ देर बाद पायलट और दोनों भूविज्ञानिक पेड़ पर लटके हुए थें …
पहला भूविज्ञानिक – क्यू भाई ! यहाँ की भूमि और वातावरण को देखकर आपको क्या लगता है .. हम कहा क्रेश लैंड हुए है ?
दूसरा भूविज्ञानिक – अब पक्का से ये बताना तो मुश्किल है , पर हाँ – यह लगभग वहि जगह हैं जहा पर हमारा हेलीकाप्टर पिछले साल क्रेश लैंड हुआ था …
इतना सुनते ही पायलट ने पेड़ से छलांग लगा ली !!